स्वामी विवेकानंद एक महान विचारक, समाज सुधारक एवं आध्यात्मिक गुरु थे, जिनके सुविचार और Quotes दुनियाभर में लोगो को प्रेरणा देती है। इस आर्टिकल ‘Swami Vivekananda Quotes In Hindi‘ में मैंने स्वामी विवेकानंद जी के विचारो को Quotes के रूप में आपके सामने रखा है, उम्मीद है आप पसंद करेंगे, पर इससे पहले हम कुछ स्वामी विवेकानंद जी और उनके जीवन के बारे जान लेते है।
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स्वामी विवेकानद कौन थे ?
स्वामी विवेकानद जी वेदांत के प्रसिद्ध और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे, जिनका जन्म बंगाल के एक परिवार में हुआ था। इनके पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे और माता श्रीमती भुवनेश्वरी देवीजी धार्मिक विचारों की महिला थीं। इनका बचपन का नाम नरेंद्र दत्ता था। माँ के धार्मिक और प्रगतिशील विचारो ने स्वामी जी के यक्तित्व और सोच को एक आकर दिया।
बचपन से ही विवेकानंद जी धार्मिक ज्ञान और आध्यात्म में रूचि रखते थे। उनकी जीवन से जुडी कुछ बाते निम्नलिखित है-
- 25 साल की स्वामी जी गेरुआ वस्त्र धारण कर, अपने जीवन को धर्म और अध्यात्म मार्ग पर लोक कल्याण हित में समर्पित कर दिया।
- तीस वर्ष की आयु में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो, अमेरिका में विश्व धर्म सम्मेलन में हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया और उसे सार्वभौमिक पहचान दिलवाई।
- 1897 में स्वामी विवेकानंद ने धर्म संसद से लौटने के बाद अपने गुरु संत श्रीकृष्ण परमहंस के नाम पर सामाजिक सेवाओं के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की |
- स्वामी शिक्षा द्वारा लौकिक एवं पारलौकिक दोनों जीवन के लिए तैयार करना चाहते हैं। लौकिक दृष्टि से शिक्षा के सम्बन्ध में उन्होंने कहा है कि ‘हमें ऐसी शिक्षा चाहिए, जिससे चरित्र का गठन हो, मन का बल बढ़े, बुद्धि का विकास हो और व्यक्ति स्वावलम्बी बने। इसलिए उन्होंने शिक्षा दर्शन के आधारभूत सिद्धान्त दिया जिसके अनुसार –
- शिक्षा ऐसी हो जिससे बालक का शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक विकास हो सके।
- शिक्षा ऐसी हो जिससे बालक के चरित्र का निर्माण हो, मन का विकास हो, बुद्धि विकसित हो तथा बालक आत्मनिर्भर बने।
- बालक एवं बालिकाओं दोनों को समान शिक्षा देनी चाहिए।
- धार्मिक शिक्षा, पुस्तकों द्वारा न देकर आचरण एवं संस्कारों द्वारा देनी चाहिए।
- पाठ्यक्रम में लौकिक एवं पारलौकिक दोनों प्रकार के विषयों को स्थान देना चाहिए।
- शिक्षा, गुरू गृह में प्राप्त की जा सकती है।
- शिक्षक एवं छात्र का सम्बन्ध अधिक से अधिक निकट का होना चाहिए।
- सर्वसाधारण में शिक्षा का प्रचार एवं प्रसार किया जान चाहिये।
- देश की आर्थिक प्रगति के लिए तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था की जाय।
- मानवीय एवं राष्ट्रीय शिक्षा परिवार से ही शुरू करनी चाहिए।
- शिक्षा ऐसी हो जो सीखने वाले को जीवन संघर्ष से लड़ने की शक्ती दे।
4 जुलाई, 1902 को बेलूर में रामकृष्ण मठ में उन्होंने ध्यानमग्न अवस्था में महासमाधि ले ली।
(Source- https://hi.wikipedia.org/)
Swami Vivekananda Quotes
एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।- स्वामी विवेकानंद
जब तक करोड़ों लोग भूखे और अज्ञानी रहेंगे, मैं उस प्रत्येक व्यक्ति को विश्वासघाती मानूंगा, जो उनकी कीमत पर शिक्षित हुआ है और उनकी ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता है। – स्वामी विवेकानंद
जिस क्षण मैंने ईश्वर को हर इंसान में बैठे महसूस किया है, उसी क्षण से में हर इंसान के सामने सम्मान से खड़ा होता हूँ और उनमे ईश्वर को देखता हूँ। – स्वामी विवेकानंद
केवल उन्हीं का जीवन, जीवन है, जो दूसरों के लिए जीते हैं। अन्य सब तो जीवित होने से अधिक मृत हैं। – स्वामी विवेकानंद
हिन्दू संस्कृति, आध्यात्मिकता की अमर आधारशिला पर स्थित है।- स्वामी विवेकानंद
आकांक्षा, अज्ञानता और असमानता – यह बंधन की त्रिमूर्तियां हैं।- स्वामी विवेकानंद
जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है। यह अग्नि का दोष नहीं है।- स्वामी विवेकानंद
धर्म ही हमारे राष्ट्र की जीवन शक्ति है। यह शक्ति जब तक सुरक्षित है, तब तक विश्व की कोई भी शक्ति हमारे राष्ट्र को नष्ट नहीं कर सकती।- स्वामी विवेकानंद
वह नास्तिक है, जो अपने आप में विश्वास नहीं रखता।- स्वामी विवेकानंद
इच्छा का समुद्र हमेशा अतृप्त रहता है। उसकी माँगे ज्यों-ज्यों पूरी की जाती है, त्यों-त्यों और गर्जन करता है। – स्वामी विवेकानंद
अगर स्वाद की इंद्रिय को ढील दी, तो सभी इन्द्रियां बेलगाम दौड़ेगी।- स्वामी विवेकानंद
दिन में कम से कम एक बार खुद से जरूर बात करें अन्यथा आप एक उत्कृष्ट व्यक्ति के साथ एक बैठक गँवा देंगे।- स्वामी विवेकानंद
अच्छे अभिप्राय, निष्कपटता और अनंत प्रेम विश्व को जीत सकते हैं। इन गुणों से युक्त एक आत्मा लाखों पाखंडियों और पाशविकों की काली योजनाओं को नष्ट कर सकती है।- स्वामी विवेकानंद
Swami Vivekananda Quotes in hindi
जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है – शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक। उसे जहर की तरह त्याग दो।- स्वामी विवेकानंद

पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता। एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है।- स्वामी विवेकानंद
जब तक मनुष्य के जीवन में सुख – दुख नहीं आएगा, तब तक मनुष्य को यह एहसास कैसे होगा कि जीवन में क्या सही है? और क्या गलत है?- स्वामी विवेकानंद
जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये, नहीं तो लोगो का विश्वास उठ जाता है।- स्वामी विवेकानंद
दुनिया एक महान व्यायामशाला है, जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।- स्वामी विवेकानंद
पवित्रता, धैर्य और दृढ़ता ये तीनों सफलता के लिए आवश्यक है, लेकिन इन सबसे ऊपर प्यार है।- स्वामी विवेकानंद
जीवन का रहस्य केवल आनंद नहीं, बल्कि अनुभव के माध्यम से सीखना है।- स्वामी विवेकानंद
पवित्रता, धैर्य और उद्यम – ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं।- स्वामी विवेकानंद

कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा। परन्तु उसके बारे में अभी मत सोचो।- स्वामी विवेकानंद
हर काम को तीन अवस्थाओं से गुज़रना होता है – उपहास, विरोध और स्वीकृति।- स्वामी विवेकानंद
Swami vivekanand Ji ke Suvichar
हम जो बोते हैं, वो काटते हैं। हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं।- स्वामी विवेकानंद
जिस क्षण, व्यक्ति या राष्ट्र आत्मविश्वास खो देता है, उसी क्षण उसकी मृत्यु हो जाती है। – स्वामी विवेकानंद
अगर बार- बार आप असफल हो जाओ, तो भी कोई हानि नहीं है। सहस्त्र बार इस आदर्श को अपने हृदय में धारण करे। अगर उसके बाद भी असफल हो जाओ, तो एक बार फिर कोशिश करें। – स्वामी विवेकानंद
तुम बलवान बनों- यही तुम्हारे लिए मेरा संदेश है। गीता पाठ करने की अपेक्षा तुम फुटबॉल खेलने से स्वर्ग के अधिक समीप पहुँचोगे। यह बात मैंने अत्यंत साहसपूर्वक हो कर कही है। यह कहना आवश्यक है, क्योकि मै तुमसे प्यार करता हु। बलवान शरीर और मजबूत बाहों से गीता को अधिक समझ सकोगे। – स्वामी विवेकानंद
उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए। – स्वामी विवेकानंद

हम भगवान को खोजने कहां जा सकते हैं अगर उनको अपने दिल और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते।- स्वामी विवेकानंद
साधारण व्यक्ति अपने विचार का 90% व्यर्थ कर देता है, इसलिए वह निरंतर भूले करता है। एक प्रशिक्षित मन कभी कोई भूल नहीं करता है।- स्वामी विवेकानंद
जहां दुर्बलता और जड़ता है, वहां क्षमा का कोई मूल्य नहीं, वहां युद्ध ही श्रेयस्कर है। जब तुम यह समझो कि सरलता से तुम विजय प्राप्त कर सकते हो, तभी क्षमा करना। संसार युद्ध क्षेत्र है। युद्ध करके ही अपना मार्ग साफ करो।- स्वामी विवेकानंद
Swami Vivekanand Quotes with Image
अनुभव ही आपका सर्वोत्तम शिक्षक है। जब तक जीवन है सीखते रहो। – स्वामी विवेकानंद

मन की एकाग्रता ही समग्र ज्ञान है।- स्वामी विवेकानंद
जब कभी भारत के सच्चे इतिहास का पता लगाया जायेगा। तब यह संदेश प्रमाणित होगा कि धर्म के समान ही विज्ञान, संगीत, साहित्य, गणित, कला आदि में भी भारत समग्र संसार का आदि गुरु रहा है।- स्वामी विवेकानंद
हमारे व्यक्तित्व की उत्पत्ति हमारे विचारों में है, इसलिए ध्यान रखें कि आप क्या विचारते हैं, शब्द गौण हैं विचार मुख्य हैं, और उनका असर दूर तक होता है।- स्वामी विवेकानंद
बाहर की दुनिया बिलकुल वैसी है, जैसा कि हम अंदर से सोचते हैं। हमारे विचार ही चीजों को सुंदर और बदसूरत बनाते हैं। पूरा संसार हमारे अंदर समाया हुआ है, बस जरूरत है चीजों को सही रोशनी में रखकर देखने की।- स्वामी विवेकानंद
यह मत भूलो कि बुरे विचार और बुरे कार्य तुम्हें पतन की और ले जाते हैं । इसी तरह अच्छे कर्म व अच्छे विचार लाखों देवदूतों की तरह अनंतकाल तक तुम्हारी रक्षा के लिए तत्पर हैं ।- स्वामी विवेकानंद
पीड़ितों की सेवा के लिए आवश्यकता पड़ने पर हम अपने मठ की भूमि तक भी बेच देंगे। हजारों असहाय नर नारी हमारे नेत्रों के सामने कष्ट भोगते रहें और हम मठ में रहें, यह असम्भव है। हम सन्यासी हैं, वृक्षों के नीचे निवास करेंगे और भिक्षा मांगकर जीवित रह लेंगे।- स्वामी विवेकानंद
यदि हमें गौरव से जीने का भाव जगाना है, अपने अंतर्मन में राष्ट्रभक्ति के बीज को पल्लवित करना है तो राष्ट्रीय तिथियों का आश्रय लेना होगा। – स्वामी विवेकानंद
शिक्षा का अर्थ है उस पूर्णता को व्यक्त करना जो सब मनुष्यों में पहले से विद्यमान है।- स्वामी विवेकानंद
प्रेम विस्तार है, स्वार्थ संकुचन है। इसलिए प्रेम जीवन का सिद्धांत है। वह जो प्रेम करता है जीता है। वह जो स्वार्थी है मर रहा है। इसलिए प्रेम के लिए प्रेम करो, क्योंकि जीने का यही एक मात्र सिद्धांत है। वैसे ही जैसे कि तुम जीने के लिए सांस लेते हो।- स्वामी विवेकानंद
ज्ञान का प्रकाश सभी अंधेरों को खत्म कर देता है।- स्वामी विवेकानंद
बल ही जीवन है और दुर्बलता मृत्यु।- स्वामी विवेकानंद
हमे ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैर पर खड़ा हो सके।- स्वामी विवेकानंद

लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, परंतु तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न होना।- स्वामी विवेकानंद
दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।- स्वामी विवेकानंद
किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये। – स्वामी विवेकानंद
Swami Vivekanada ji ke Vichar Hindi me
ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।- स्वामी विवेकानंद
मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं। जब वो केन्द्रित होती हैं, चमक उठती हैं।- स्वामी विवेकानंद

सच को कहने के हजारों तरीके हो सकते हैं और फिर भी सच तो वही रहता है। – स्वामी विवेकानंद
क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढतापूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए।- स्वामी विवेकानंद
यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।- स्वामी विवेकानंद
तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही है। आपकी अपनी आत्मा के अलावा कोई दूसरा आध्यात्मिक गुरु नहीं है।- स्वामी विवेकानंद
मनुष्य जितना अपने अंदर से करुणा, दयालुता और प्रेम से भरा होगा, वह संसार को भी उसी तरह पायेगा। – स्वामी विवेकानंद
जब तक जिंदगी है, तब तक सीखते रहना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।- स्वामी विवेकानंद

जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं। उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा, भगवान तक जाता है।- स्वामी विवेकानंद
अभय हो! अपने अस्तित्व के कारक तत्व को समझो, उस पर विश्वास करो। भारत की चेतना उंसकी संस्कृति है। अभय होकर इस संस्कृति का प्रचार करो।- स्वामी विवेकानंद
दिन-रात अपने मस्तिष्क को, उच्चकोटि के विचारो से भरो। जो फल प्राप्त होगा वह निश्चित ही अनोखा होगा। – स्वामी विवेकानंद
उठो! आओ! ऐ सिंहो! इस भ्रम को झटककर दूर फेंको कि तुम भेड़ हो। – स्वामी विवेकानंद
आलसी जीवन जीने से अच्छा मरना उचित है, पराजित होकर जीने की तुलना में युद्धक्षेत्र में मर जाना श्रेयस्कर है। – स्वामी विवेकानंद
जो भी भयानक, उसका सामना करो। साहस पूर्वक उसके सामने खड़ा होना पड़ेगा। – स्वामी विवेकानंद
Vivekananda Quotes in Hindi
यह कभी सोचना कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा कहना भी नास्तिकता है। – स्वामी विवेकानंद
जिसके विचार श्रेष्ठ हैं, वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता।- स्वामी विवेकानंद
यही दुनिया है; यदि तुम किसी का उपकार करो, तो लोग उसे कोई महत्व नहीं देंगे। किन्तु ज्यों ही तुम उस कार्य को बंद कर दोगे, वे तुरन्त तुम्हें बदमाश प्रमाणित करने में नहीं हिचकिचायेंगे।- स्वामी विवेकानंद
यह देश धर्म, दर्शन और प्रेम की जन्मभूमि है। ये सब चीजें अभी भी भारत में विद्यमान है। मुझे इस दुनिया की जो जानकारी है, उसके बल पर दृढतापूर्वक कह सकता हूं कि इन बातों में भारत अन्य देशों की अपेक्षा अब भी श्रेष्ठ है।- स्वामी विवेकानंद
शिक्षा क्या है ? क्या वह पुस्तक-विद्या है ? नहीं। क्या वह नाना प्रकार का ज्ञान है ? नहीं, यह भी नहीं। जिस संयम के द्वारा इच्छाशक्ति का प्रवाह और विकास वश में लाया जाता है और वह फलदायक होता है, वह शिक्षा कहलाती है।- स्वामी विवेकानंद
उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो। तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो। तुम तत्व नहीं हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो।- स्वामी विवेकानंद
जब लोग तुम्हे गाली दें, तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, कि तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं। – स्वामी विवेकानंद
दुनिया में अधिकांश लोग इसलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि विपरीत परिस्थितियां आने पर उनका साहस टूट जाता है और वह भयभीत हो जाते हैं।- स्वामी विवेकानंद

लगातार श्रम करना ही आपकी सफलता का साथी है, इसलिए श्रम को सकारात्मक बनाएं, विनाशक नहीं। श्रम एक अपराधी भी करता है, लेकिन उसका लक्ष्य सिर्फ किसी को नुकसान पहुंचाना या फिर किसी की जान लेना ही होता है। – स्वामी विवेकानंद
अनेक देशों में भ्रमण करने के पश्चात् मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि संगठन के बिना संसार में कोई भी महान एवं स्थाई कार्य नहीं किया जा सकता। – स्वामी विवेकानंद
यह कभी मत कहना कि मै यह नहीं कर सकता। ऐसा कभी नहीं हो सकता क्योंकि तुम अनन्तस्वरूप हो, तुम सर्वशक्तिमान हो।- स्वामी विवेकानंद
Swami Vivekananda Thoughts in hindi
सत्य, प्राचीन अथवा आधुनिक किसी समाज का सम्मान नहीं करता। समाज को ही सत्य का सम्मान करना पड़ेगा, अन्यथा समाज का विनाश हो जाएगा। सत्य ही हमारे सारे प्राणियों और समाजों का मूल आधार है, अतः सत्य कभी भी समाज के अनुसार अपना गठन नहीं करेगा। वही समाज सब से श्रेष्ठ है, जहाँ सभी सत्यों को कार्य में परिवर्तित किया जा सकता है – यही मेरा मत है। और यदि समाज इस समय उच्चतम सत्यों को स्थान देने में समर्थ नहीं है, तो उसे इस योग्य बनाओ। और जितना शीघ्र तुम ऐसा कर सको, उतना ही अच्छा।- स्वामी विवेकानंद
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकते।- स्वामी विवेकानंद
चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो। – स्वामी विवेकानंद
वेदान्त कोई पाप नहीं जानता, वो केवल त्रुटी जानता है। वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो, तुम पापी हो, तुम एक तुच्छ प्राणी हो, तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है, तुम ये नहीं कर सकते और तुम वो नहीं कर सकते।- स्वामी विवेकानंद
किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।- स्वामी विवेकानंद
वह आदमी अमरत्व तक पहुंच गया है जो किसी भी चीज़ से विचलित नहीं होता है।- स्वामी विवेकानंद
उस ज्ञान उपार्जन का कोई लाभ नहीं जिसमे समाज का कल्याण न हो।- स्वामी विवेकानंद
आप अपने को जैसा सोचेंगे, आप वैसे ही बन जाएंगे। यदि आप स्वयं को कमजोर मानते हैं तो आप कमजोर ही होंगे। और यदि आप स्वयं को मजबूत सोचते हैं तो आप मजबूत हो जाएंगे।- स्वामी विवेकानंद
यदि संसार में कहीं कोई पाप है तो वह है दुर्बलता। हमें हर प्रकार की कमजोरी या दुर्बलता को दूर करना चाहिए। दुर्बलता पाप है, दुर्बलता मृत्यु के समान है।- स्वामी विवेकानंद
कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो, आँखें मूंदकर उसके पीछे न चलिए। यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती तो वह हर प्राणी को आँख, नाक, कान, मुँह, मस्तिष्क आदि क्यों देता ?- स्वामी विवेकानंद
शिक्षा व्यक्ति में अंतर्निहित पूर्णता की अभिव्यक्ति है।- स्वामी विवेकानंद
यदि परिस्थितियों पर आपकी मजबूत पकड़ है तो जहर उगलने वाला भी आपका कुछ नही बिगाड़ सकता।- स्वामी विवेकानंद
हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा हृदय उतना ही ज्यादा शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें बसेंगे।- स्वामी विवेकानंद
जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सके, मनुष्य बन सके ,चरित्र गठन कर सके और विचारों की सामंजस्य कर सकें। वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है।- स्वामी विवेकानंद
मौन, क्रोध की सर्वोत्तम चिकित्सा है।- स्वामी विवेकानंद
मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं। – स्वामी विवेकानंद
हम हमेशा अपनी कमज़ोरी को अपनी शक्ति बताने की कोशिश करते हैं,अपनी भावुकता को प्रेम कहते हैं और अपनी कायरता को धैर्य।- स्वामी विवेकानंद
अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है। – स्वामी विवेकानंद
जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक बिना डरे लोगों से कहो। उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस पर ध्यान मत दो।- स्वामी विवेकानंद
कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा अधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।- स्वामी विवेकानंद
Swami Vivekanand famous lines
किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।- स्वामी विवेकानंद

जितना हम दूसरों के साथ अच्छा करते हैं उतना ही हमारा हृदय पवित्र हो जाता है और भगवान उसमें बसता है। – स्वामी विवेकानंद
अपनी वर्तमान अवस्था के जिम्मेदार हम ही हैं, और जो कुछ भी हम होना चाहते हैं, उसकी शक्ति भी हमीं में है। यदि हमारी वर्तमान अवस्था हमारे ही पूर्व कर्मों का फल है, तो यह निश्चित है कि जो कुछ हम भविष्य में होना चाहते हैं, वह हमारे वर्तमान कार्यों द्वारा ही निर्धारित किया जा सकता है।- स्वामी विवेकानंद
धर्म कल्पना की चीज नहीं है, प्रत्यक्ष दर्शन की चीज है। जिसने एक भी महान आत्मा के दर्शन कर लिए वह अनेक पुस्तकी पंडितों से बढ़कर है।- स्वामी विवेकानंद
संभव की सीमा जानने का एक ही तरीका है, असंभव से भी आगे निकल जाना।- स्वामी विवेकानंद

कर्म योग का रहस्य है कि बिना किसी फल की इच्छा के कर्म करना है, यह भगवान कृष्ण द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता में बताया गया है।- स्वामी विवेकानंद
हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं। – स्वामी विवेकानंद
भय और अपूर्ण वासना ही समस्त दुःखों का मूल है।- स्वामी विवेकानंद
किसी चीज से डरो मत। तुम अद्भुत काम करोगे। यह निर्भयता ही है जो क्षण भर में परम आनंद लाती है।- स्वामी विवेकानंद
जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।- स्वामी विवेकानंद
शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है।- स्वामी विवेकानंद
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